Tag: रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है / गुलज़ार

  • रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है / गुलज़ार Lyrics in Hindi

    रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है / गुलज़ार Lyrics in Hindi रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है रात ख़ामोश है रोती नहीं हँसती भी नहीं कांच का नीला सा गुम्बद है, उड़ा जाता है ख़ाली-ख़ाली कोई बजरा सा बहा जाता है चाँद की किरणों में वो रोज़ सा रेशम भी नहीं चाँद की […]