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नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का / अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’
नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का / अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’ नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का शौक़ फिर किस को आशनाई का चखते हैं अब मज़ा जुदाई का ये नतीजा है आशनाई का उन के दिल की कुदूरत और बढ़ी ज़िक्र कीजिए अगर सफ़ाई का देख तो संग-ए-आस्ताँ पे तेरे है निशाँ किस की जबहा-साई का तेरे […]