भारत एक खोज – शीर्षक गीत / वसंत देव

भारत एक खोज – शीर्षक गीत / वसंत देव
Discovery of India जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित पुस्तक है। इसके हिन्दी अनुवाद का शीर्षक “भारत एक खोज” है।

इस पुस्तक पर आधारित एक दूरदर्शन धारावाहिक “भारत एक खोज” का प्रसारण 1988 में हुआ था। धारावाहिक के निर्माता-निर्देशक श्याम बेनेगल थे।

प्रस्तुत है इस धारावाहिक का शीर्षक गीत जिसे वसंत देव ने लिखा / अनूदित किया था।

नासदासीन नो सदासीत तदानीं नासीद रजो नो वयोमापरो यत।
किमावरीवः कुह कस्य शर्मन्नम्भः किमासीद गहनं गभीरम॥

सृष्टि से पहले सत नहीं था
असत भी नहीं
अंतरिक्ष भी नहीं

आकाश भी नहीं था
छिपा था क्या, कहाँ
किसने ढका था
उस पल तो
अगम अतल जल भी कहां था

सृष्टि का कौन है कर्ता?
कर्ता है या विकर्ता?
ऊँचे आकाश में रहता
सदा अध्यक्ष बना रहता
वही सचमुच में जानता
या नहीं भी जानता
है किसी को नहीं पता
नहीं पता
नहीं है पता
नहीं है पता

वो था हिरण्य गर्भ सृष्टि से पहले विद्यमान
वही तो सारे भूत जाति का स्वामी महान
जो है अस्तित्वमान धरती आसमान धारण कर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम हवि देकर

जिस के बल पर तेजोमय है अंबर
पृथ्वी हरी भरी स्थापित स्थिर
स्वर्ग और सूरज भी स्थिर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम हवि देकर

गर्भ में अपने अग्नि धारण कर पैदा कर
व्यापा था जल इधर उधर नीचे ऊपर
जगा जो देवों का एकमेव प्राण बनकर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम हवि देकर

ऊँ! सृष्टि निर्माता, स्वर्ग रचयिता पूर्वज रक्षा कर
सत्य धर्म पालक अतुल जल नियामक रक्षा कर
फैली हैं दिशायें बाहु जैसी उसकी सब में सब पर
ऐसे ही देवता की उपासना करें हम हवि देकर
ऐसे ही देवता की उपासना करें हम हवि देकर

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