Category: अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’
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ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़ / अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’
ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़ / अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’ ज़ाहिरन मौत है क़ज़ा है इश्क़ पर हक़ीक़त में जाँ-फ़ज़ाँ है इश्क़ देता है लाख तरह से तस्कीन मर्ज़-ए-हिज्र में दवा है इश्क़ पूछते हैं बुल-हवस से वो मुझ से पूछे कोई के क्या है इश्क़ ता-दम-ए-मर्ग साथ देता है एक महबूब-ए-बा-वफ़ा है इश्क़ इश्क़ […]
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नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का / अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’
नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का / अब्दुल ग़फ़ुर ‘नस्साख़’ नक़्श-ए-दिल है सितम जुदाई का शौक़ फिर किस को आशनाई का चखते हैं अब मज़ा जुदाई का ये नतीजा है आशनाई का उन के दिल की कुदूरत और बढ़ी ज़िक्र कीजिए अगर सफ़ाई का देख तो संग-ए-आस्ताँ पे तेरे है निशाँ किस की जबहा-साई का तेरे […]