बीते रिश्ते तलाश करती है / गुलज़ार Lyrics in Hindi

बीते रिश्ते तलाश करती है / गुलज़ार Lyrics in Hindi

बीते रिश्ते तलाश करती है
ख़ुशबू ग़ुंचे तलाश करती है

जब गुज़रती है उस गली से सबा
ख़त के पुर्ज़े तलाश करती है

अपने माज़ी की जुस्तुजू में बहार
पीले पत्ते तलाश करती है

एक उम्मीद बार बार आ कर
अपने टुकड़े तलाश करती है

बूढ़ी पगडंडी शहर तक आ कर
अपने बेटे तलाश करती है

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *