गुलज़ार की कविता – Gulzar ki Kavitaye – Gulzar Poetry in Hindi
हम को मन की शक्ति देना / गुलज़ार
पूरा दिन / गुलज़ार
रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है / गुलज़ार
देखो, आहिस्ता चलो / गुलज़ार
ख़ुदा / गुलज़ार
इक इमारत / गुलज़ार
अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो / गुलज़ार
Poetry Of Gulzar Sahab – गुलज़ार की कविताएँ
जगजीत: एक बौछार था वो… / गुलज़ार
खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो? / गुलज़ार
न आने की आहट / गुलज़ार
मेरा कुछ सामान / गुलज़ार
जय हो / गुलज़ार
सपना रे सपना / गुलज़ार
काली काली / गुलज़ार
रोको मत टोको मत / गुलज़ार
जंगल जंगल पता चला है / गुलज़ार
लौटूंगी मैं / गुलज़ार
Kavita Kosh Gulzar – गुलजार की कविता हिंदी में
तोते उड़ गए / गुलज़ार
टैगोर / गुलज़ार
बस एक चुप सी लगी है / गुलज़ार
चौदहवीं रात के इस चाँद तले/ गुलज़ार
सितारे लटके हुए हैं तागों से आस्माँ पर/ गुलज़ार
पूरे का पूरा आकाश घुमा कर / गुलज़ार
जिहाल-ए-मिस्कीं मुकों बा-रंजिश / गुलज़ार
मुझको भी तरकीब सिखा / गुलज़ार
हिंदुस्तान में दो दो हिंदुस्तान दिखाई देते हैं / गुलज़ार
ईंधन / गुलज़ार
Gulzar Poem In Hindi – गुलज़ार कविता हिंदी
ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा / गुलज़ार
आदतन तुम ने कर दिये वादे / गुलज़ार
आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ / गुलज़ार
चलो ना भटके / गुलज़ार
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई / गुलज़ार
एक परवाज़ दिखाई दी है / गुलज़ार
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी / गुलज़ार
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते / गुलज़ार
मैं अपने घर में ही अजनबी हो गया हूँ आ कर / गुलज़ार
नज़्म उलझी हुई है सीने में / गुलज़ार
क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं / गुलज़ार
साँस लेना भी कैसी आदत है / गुलज़ार
Gulzar Kavita Kosh – गुलज़ार कविता कोश
शाम से आँख में नमी सी है / गुलज़ार
उदास नहीं / गुलज़ार
स्पर्श / गुलज़ार
वो ख़त के पुरज़े उड़ा रहा था / गुलज़ार
इक जरा छींक ही दो तुम / गुलज़ार
मौत तू एक कविता है / गुलज़ार
अफ़साने / गुलज़ार
रात भर सर्द हवा चलती रही / गुलज़ार
वो जो शायर था चुप सा रहता था / गुलज़ार
लैंडस्केप-1 / गुलज़ार
लैंडस्केप-2 / गुलज़ार
पेंटिंग-1 / गुलज़ार
Gulzar Sahab Ki Kavita – गुलज़ार कविता हिंदी
पेंटिंग-2 / गुलज़ार
पेंटिंग-3 / गुलज़ार
स्केच / गुलज़ार
वैन गॉग का एक ख़त / गुलज़ार
कुछ और मंजर-1 / गुलज़ार
आम / गुलज़ार
अमलतास / गुलज़ार
खुमानी, अखरोट! / गुलज़ार
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं / गुलज़ार
एक में दो / गुलज़ार
कुछ खो दिया है पाइके / गुलज़ार
Gulzar Ki Kavita In Hindi – गुलजार की कविता
किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से / गुलज़ार
सितारे लटके हुए हैं तागों से आस्माँ पर / गुलज़ार
बर्फ़ पिघलेगी जब पहाड़ों से / गुलज़ार
किस क़दर सीधा सहल साफ़ है यह रस्ता देखो / गुलज़ार
अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है / गुलज़ार
ज़ुबान पर ज़ायका आता था जो सफ़हे पलटने का / गुलज़ार
हमें पेड़ों की पोशाकों से इतनी-सी ख़बर तो मिल ही जाती है / गुलज़ार
दरख़्त रोज़ शाम का बुरादा भर के शाखों में / गुलज़ार
एक नदी की बात सुनी… / गुलज़ार
बारिश आने से पहले / गुलज़ार
मेरे रौशनदान में बैठा एक कबूतर / गुलज़ार
मकान की ऊपरी मंज़िल पर / गुलज़ार
माँ उपले थापा करती थी / गुलज़ार
किताबें झाँकती हैं / गुलज़ार
Hindi Poetry On Life By Gulzar – Gulzar Nazm
यारम / गुलज़ार
बोलिये सुरीली बोलियाँ / गुलज़ार
बड़ी तकलीफ़ होती है / गुलज़ार
प्यार वो बीज है / गुलज़ार
बस एक लम्हे का झगड़ा था / गुलज़ार
बीते रिश्ते तलाश करती है / गुलज़ार
इन्धन / गुलजार / सुमन पोखरेल
खै के थियो, भन्नुपर्ने / गुलजार / सुमन पोखरेल
घरको माथिल्लो तलामा / गुलजार / सुमन पोखरेल
पर्ख, नझार पर्दा एकछिन / गुलजार / सुमन पोखरेल
मलाई पनि सिकाइदेऊ तरिका / गुलजार / सुमन पोखरेल
स्पर्श / गुलजार / सुमन पोखरेल
चिहाउँछन् किताबहरू / गुलजार / सुमन पोखरेल
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