मेरी निगाह में है मोजज़ात की दुनिया / इक़बाल
मेरी निगाह में है मोजज़ात[1]की दुनिया
मेरी निगाह में है हादिसात[2]की दुनिया
तख़ैयुलात[3] की दुनिया ग़रीब है लेकिन
ग़रीबतर है हयातो-मुमात [4] की दुनिया
अजब नहीं कि बदल दे तुझे निगाह तेरी
बुला रही है तुझे मुमकिनात[5] की दुनिया
Leave a Reply