बस्तियों में जंगल / अशोक कुमार

बस्तियों में जंगल / अशोक कुमार
जंगलों में बस्तियाँ थीं
वे वहशी थीं
ज़रूरी था वहशीपने को हटाना
काटे गये जंगलों से बचे अवशिष्ट
सभ्यता के चिह्न थे
सभ्यता की पहली शर्त यह थी
कि बस्तियाँ जंगलों के बाहर हों
बस्तियाँ बाहर थीं
अब काटे गये जंगल से
और विवेकशीलता के
विशुद्ध बचे होने का दावा
कर लिया गया था
पशुता खारिज कर दी गयी थी
बस्तियों में जंगल न होने का वहम
दरिंदे न होने का दम
भर रहा था
वहीं कोई हठी पूँछ अब भी बच रही थी
और वहशियाना हरकतें कर रही थी।

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