सस्वर पाठ आंसुओं का / अरुणा राय
कैसी हैं आप
फोन पर
पूछता है कोई
क्या …
हकलाती हूं मैं …
ठीक हूं
ठीक तो हूं…
आप ठीक हैं ना …
मैं कुछ कहता
कि …
शिराओं का रक्त
उलीचने लगा
नमक और जल
आंसुओं की बाढ ने
हुमककर कहा
हां … हां…
ठीक हूं बिल्कुल…
उसने कहा …
कुछ सुनाई नहीं दे रहा
साफ
ओह … हां …
आंसू तो आंखों की भाषा है
आंखवालों के लिए है
कानों के लिए तो
सस्वर पाठ करना होगा
आंसुओं का ….
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